At the outset.. বাট চ'ৰাতে

Welcome to my world..
I am not a writer nor a poet. Just trying to narrate some of my experiences .. I am usually comfortable in writing in Assamese, my mother tongue. Have written few blogs in English and have tried my hands in composing few poems in Hindi too.. My Hindi speaking friends may excuse me for my audacity to do so..

মোৰ জগতলৈ আদৰিছো...
কোনো কবি সাহিত্যিক মই নহয়, কিছুমান অভিজ্ঞতাৰ বৰ্ণনা মাথোন কৰিছো ইয়াত.. মাতৃভাষা অসমীয়াতে লিখি ভাল পাওঁ যদিও ইংৰাজীতো লিখিছো.. হিন্দী ভাষাতো দুটামান কবিতা লিখিবলৈ চেষ্টা কৰি চাইছো....

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Tuesday, 23 July 2013

ब्रह्मपुत्रमें सूर्यास्त

ब्रह्मपुत्रमें सूर्यास्त..../नीलमणि फुकन ------

शून्यता के हाथों से गिर पड़ा
दिन का हिरण्यमय ह्रदय पात्र
चुपचाप गिर पड़ा
और डूब गया

बुदबुदाहट में प्रकाशित हुआ
पात्र का रक्त रंगीन अवशेष
दिल तोड़ देनेवाली उसकी चमक
मनुष्योंकी अन्तिम लालसाओंका
कैसा प्रज्ज्वलन

अब लौट गया हर एक दर्शक
जाग उठा हर किसी में एक ही दर्द
धुएँ और अंधकार की आकाश सीढ़ियोंसे
उतरा है स्वयं खालीपन  
उतर आया है ह्रदय का खालीपन
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असमीया कवि नीलमणि फुकन की कविता का अनुवाद

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