At the outset.. বাট চ'ৰাতে

Welcome to my world..
I am not a writer nor a poet. Just trying to narrate some of my experiences .. I am usually comfortable in writing in Assamese, my mother tongue. Have written few blogs in English and have tried my hands in composing few poems in Hindi too.. My Hindi speaking friends may excuse me for my audacity to do so..

মোৰ জগতলৈ আদৰিছো...
কোনো কবি সাহিত্যিক মই নহয়, কিছুমান অভিজ্ঞতাৰ বৰ্ণনা মাথোন কৰিছো ইয়াত.. মাতৃভাষা অসমীয়াতে লিখি ভাল পাওঁ যদিও ইংৰাজীতো লিখিছো.. হিন্দী ভাষাতো দুটামান কবিতা লিখিবলৈ চেষ্টা কৰি চাইছো....

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Friday 26 October 2012

पापा सा बन जाऊँगा


सभी मुझे तब प्यार करेंगे, जब अच्छा बन जाऊंगा
जल्दी-जल्दी पढ़ लिख मैं भी, पापा सा बन जाऊंगा

दीदी मेरी प्यारी-प्यारी, पढ़ने में आगे-आगे
कक्षा में अब्बल आती है, जल्दी से सोये जागे
आलस नहीं जरा भी उसमें, कार्य रोज का रोज करें
माने कहना सदा बड़ों का, देर न कर फौरन भागे
दीदी सी फुर्ती अपना कर, सुखद भविष्य बनाऊंगा

दादा उंगली पकर पास के, पार्क रोज  ले जाते हैं
दादा-मैं दोनो मस्ती में, छिपम-छेपाई करते हैं
गीत सुनाते हैं दादा जब, मैं झूमा करता हूँ
वही पार्क में दोस्त मेरे भी, मस्ती से भर जाते हैं
होकर बड़ा एक दिन मैं भी, कविता गीत सुनाऊँगा

मैं दादीका कचरा-बचरा, माँ की आँखों का तारा
लाड़ सभी करते, अंकल-आन्टी का हूँ प्यारा-प्यारा
बुआ के दिल की ध ड़कन, घोड़ा मेरा बन जाती हैं
मेरे घर के सब कहते हैं, मैं हूँ घर का उजियारा
टीचर कहती अच्छे अंकों से ही, अच्छा बन पाऊँगा

अब छूट्टी लग गई हमारी, नाना के घर जायेंगे
नाना-नानी , मामा-मामी, जगह-जगह ले जायेंगे
तरह-तरह का मन पसन्द, खाना पीना तो होगा ही
खेल-खेल, आवा-जाही में खुशियों से भर जायेंगे
दादा-दादी के आदर्शों पर चल, बड़ा कहाऊँगा

A poem by Janakavi Dr Raghunath Misra of Kota, Rajasthan







1 comment:

  1. भाई माखन लाल जी. मेरी कविता पोस्ट् करने के लिये आभर.

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